सीबीडीटी का कहना है कि उन्हें कई ऐसी शिकायतें मिली है जिनके अनुसार बैंक UPI के माध्यम से किये गए डिजिटल लेनदेन पर अतिरिक्त शुल्क ले रहे है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड(सीबीडीटी) ने बैंकों से कहा है कि डिजिटल लेनदेन पर किसी भी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क नही लगाया जा सकता है।
रविवार को बोर्ड ने एक सर्कुलर जारी कर सभी बैंकों को यह आदेश दिया कि 1 जनवरी 2020 या उसके बाद सभी प्रकार के डिजिटल लेनदेन पर वसूले गए को ग्राहकों को वापस लौटाया जाए।
बोर्ड की तरफ से एक बयान में कहा गया है कि “कुछ बैंक यूपीआई के माध्यम से किए गए लेन-देन पर शुल्क लगा रहे हैं। एक निश्चित संख्या में लेन-देन नि: शुल्क किए जाते हैं जिसके आगे प्रत्येक लेनदेन पर शुल्क लगता है। बैंकों के द्वारा लगाए गए शुल्क धारा 10 ए का उल्लंघन है। पीएसएस अधिनियम के साथ-साथ आईटी अधिनियम की धारा 269 एसयू भी है। इस तरह के उल्लंघन से आईटी अधिनियम की धारा 271 डीबी और पीएसएस अधिनियम की धारा 26 के तहत दंडात्मक प्रावधान आकर्षित होते हैं, “।

साथ ही बैंकों को 1 जनवरी, 2020 को या उसके बाद, किसी भी, या उसके बाद किए गए शुल्कों को वापस करने की सलाह दी गई है, आईटी अधिनियम की धारा 269SU के तहत निर्धारित इलेक्ट्रॉनिक मोड का उपयोग करके किए गए लेन-देन और भविष्य में किए गए किसी भी लेनदेन पर शुल्क लगाने के लिए नहीं।
कौन से ट्रांजेक्शन पर नही लगेगा शुल्क
-रुपे द्वारा संचालित डेबिट कार्ड।
-एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (UPI) Unified Payment Interface ।
-यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस क्विक रेस्पॉन्स कोड (UPI QR कोड), BHIM UPI QR कोड।